ऋषिकेश – पौष माह की खिलखिलाती धूप में विद्यालय के संस्थापक परम श्रद्धेय महंत बाबा राम सिंह जी महाराज तथा व्यवस्थापक संत जोध सिंह जी महाराज के पवित्र सानिध्य में निर्मलदीप परिवार ने अपना 27 वां वार्षिकोत्सव मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ धूमधाम से मनाया।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. मनीष मदान रजिस्ट्रार (यू. पी. ई. एस.) ने विशिष्ट अतिथि पद्म संतोष यादव (भारतीय पर्वतारोही) निर्मल आश्रम की शैक्षणिक संस्थाओं के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, सरदार गुरविंदर सिंह के. एल. डंग, विद्यालय के चेयरमेन डॉ. एस.एन. सूरी, शैक्षणिक सलाहकार रेणु सूरी, एन. जी. ए. की प्रधानाचार्या डॉ. सुनीता शर्मा, विद्यालय की प्रधानाचार्या ललिता कृष्णास्वामी आदि समस्त गणमान्य जनों की उपस्थिति में विघ्नहर्ता सिद्धि विनायक गणपति व ज्ञान व कला की देवी मां शारदा की अनुकंपा प्राप्त करने के लिए दीप प्रज्वलित किया तथा नन्हें-नन्हें बच्चों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

स्कूल कैप्टन के द्वारा प्रार्थना के उपरांत वाद्य यंत्रों की मधुर स्वर लहरियों ने उपस्थित दर्शक दीर्घा का रोम – रोम पुलकित किया। विद्यालय के चेयरमेन डॉ. एस. एन. सूरी जी ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि सहित समारोह में पधारे समस्त गणमान्य अतिथियों का अभिनंदन किया एवं विद्यालय की प्रधानाचार्या ललिता कृष्णास्वामी ने विद्यालय की वार्षिक उपलब्धियों की आख्या प्रस्तुत की।
सेवा, भक्ति व समर्पण से ओतप्रोत शबद, हिंदी व अंग्रेजी गीत ने जनमानस के हृदय में देशभक्ति की भावना के साथ-साथ परमपिता परमेश्वर से अपने आज को सुरक्षित, समृद्ध व भविष्य को उज्जवल करने की प्रार्थना की।
पर्यावरण संरक्षण का जीवंत संदेश देती संगीतमय नाटिका ‘मुकुट’ के माध्यम से प्रकृति के संरक्षण के लिए मानव जाति को जागृत व प्रेरित किया गया। उत्तराखंड राज्य में वृक्षों के कटान को रोक कर वृक्षारोपण करने वाले ‘चिपको आंदोलन’ तथा प्रदेशवासियों के प्रकृति प्रेम के प्रतीक’ हरेला पर्व’ ने सुखद अनुभूतियों का एहसास करवाया ।

सृष्टि के उदय से लेकर युगों में बंटे समय तथा उन युगों में धर्म की रक्षा हेतु ईश्वर के दशावतारों को प्रस्तुत करती नाटिका’ कलयुग से कल्कि तक’ प्रस्तुत की गई। कलयुग के प्रारंभ में महाभारत युद्ध में साक्षात स्वयं भगवान कृष्ण के अवतार व उनके द्वारा दिए गए गीता-ज्ञान से लेकर आधुनिक समय में मानव की नकारात्मकता की ओर जाती मानसिकता व सुमार्ग हेतु समाधान बताती इस नाटिका के माध्यम से उपस्थित जन-समुदाय को एक गूढ़ संदेश दिया गया कि हमें अपने भीतर दुर्गुणों के रूप में बसे कलयुग को नष्ट कर अपनी भीतर सद्गुणों को अपनाना चाहिए। इसके लिए ईश्वरीय नाम का सहारा लेकर इस भवसागर से पार उतरना है। दिव्यता, पवित्रता, परोपकार की सौंधी सुगंध से भरपूर, प्रेमाभक्ति के सगुण स्वरूप, प्रातः स्मरणीय, ब्रह्मलीन स्वामी निक्का सिंह जी महाराज’ विरक्त’ जी के दिव्य वचनों के माध्यम से जन-जन को दिव्य प्रेम, भक्ति, सेवा, त्याग व समर्पण का अनुपम संदेश दिया गया।
इस शुभ अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं को विभिन्न शैक्षणिक व कला के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हेतु पुरस्कृत किया गया। पुरस्कारों की श्रृंखला में सर्वश्रेष्ष ऑलराउंडर ओम सेमवाल व अंकिता राणा, सर्वश्रेष्ठ वक्ता ‘ग्रुप ए’ ओम सेमवाल ‘ग्रुप बी’ प्रकृति एवं ‘ग्रुप सी’ में आरोही राणा, सर्वश्रेष्ठ चित्रकार ओमिषा सिंह व वंशिका रमोला, सर्वश्रेष्ठ नर्तकी आद्या सोनी व आस्था खत्री, सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में ऋषभ नेगी व रिया, सर्वश्रेष्ठ गायिका एवं वादिका निहारिका बर्थवाल एवं इप्शिता आदि प्रमुख हैं।

प्रातः स्मरणीय, परम श्रद्धेय, पूज्य महंत बाबा राम सिंह जी महाराज ने मुख्य अतिथि महोदय प्रोफेसर डॉ. मनीष मदान एवं विशिष्ट अतिथि ‘पद्म श्रीमती संतोष यादव (भारतीय पर्वतारोही) एवं को आदर व सम्मान का प्रतीक सिरोपा व विद्यालय का स्मृति चिह्न भेंट किया।
मुख्य अतिथि, सरदार गुरविंदर सिंह महोदय एवं पद्मश्री श्रीमती संतोष यादव (भारतीय पर्वतारोही) ने अपने आशीर्वचनों से विद्यार्थियों को उत्तरोत्तर प्रगति हेतु प्रोत्साहित किया, उन्हें परिश्रम एवं अनुशासन का महत्व समझाया तथा कार्यक्रम के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए समस्त निर्मल दीप परिवार को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर विद्यालय की वार्षिक उपलब्धियों के दस्तावेज के रूप में वार्षिक पत्रिका ‘दीक्षा’ का विमोचन परम श्रद्धेय महंत बाबा राम सिंह जी महाराज एवं संत जोध सिंह जी महाराज के कर कमलों से हुआ।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के चेयरमेन डॉ. एस. एन. सूरी जी ने विभिन्न स्थानों से समारोह में पधारे समस्त आदरणीय अतिथियों एवं अभिभावकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर विद्यालय के संस्थापक महंत बाबा राम सिंह जी महाराज, व्यवस्थापक संत जोध सिंह जी महाराज, विद्यालय के चेयरमेन डॉ. एस.एन. सूरी, शैक्षिक सलाहकार रेणु सूरी, एन.जी.ए. की प्रधानाचार्या डॉ. सुनीता शर्मा, सरदार मनजीत सिंह, अनिल किंग्गर तथा अन्य गणमान्य अतिथि इस कार्यक्रम के साक्षी बने।
इस शुभ अवसर पर दर्शकों के मनोरंजनार्थ विद्यालय के विज्ञान एवं आर्ट एंड क्राफ्ट विभाग द्वारा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें उभरते हुए वैज्ञानिकों एवं कलाकारों ने अपने ज्ञान विज्ञान एवं कला का परिचय देते हुए अपनी रचनात्मकता से उपस्थित जन समुदाय का मन मोह लिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक राष्ट्रगान से हुआ।