देहरादून। सहकारिता मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा है कि, डिजिटल युग में, सहकारी बैंकों के लिए बैंकिंग के बदलते परिदृश्य के अनुसार आधुनिकीकरण आवश्यक है। उन्होंने ग्राहकों के लिए दक्षता और पहुंच में सुधार के लिए मोबाइल बैंकिंग, आरटीजीएस सेवाओं और अन्य आधुनिक नेटवर्क को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार को शासकीय आवास में सहकारिता की उच्च अधिकारियों की समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि ऑन लाइन बैंकिंग ,आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) सेवाओं के कार्यान्वयन से राज्य व जिला सहकारी बैंकों को अपने ग्राहकों के लिए तत्काल और सुरक्षित फंड ट्रांसफर की सुविधा मिल सकेगी। इससे लेनदेन की समग्र दक्षता और गति में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिससे बैंकों और उनके ग्राहकों दोनों के लिए बैंकिंग परिचालन अधिक सहज हो जाएगा। उन्होंने इन सुविधाओं के लिए प्रबन्ध निदेशक राज्य सहकारी बैंक को आवश्यक निर्देश दिए। एमडी आनंद बेलवाल ने कहा कि, बैंक के पास आईएफएमएस सुविधा मिल गई है। और सुविधाओं के लिए हैदराबाद में मीटिंग सुनिश्चित हुई है।
मंत्री डॉ रावत ने वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस ) स्कीम 15 मार्च 2024 तक लागू करने के निर्देश दिए। इस व्यवस्था के तहत काफी लोगों ने पूर्व में लाभ लेकर धन जमा कराया है। मंत्री डॉ रावत ने कहा कि, बैंक समितियों के मृतक बकायेदारों के आश्रितों से एनपीए वसूलने के अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा गया कि, 22 करोड़ 19 लाख रुपये वसूल लिए गए हैं। 5000 रुपये से कम के 28ः लोग बकाएदार हैं। गौरतलब है इन मृतक कर्जदारों का ब्याज का पैसा सहकारी बैंक , एमपैक्स वहन कर रहे हैं। उन्होंने सहकारिता सदस्य अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा गया कि, एक लाख नए सहकारी सदस्य बनाये गए हैं। नए सहकारी सदस्य बनाने का अभियान जारी हैं। समीक्षा बैठक में सहकारिता सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ल, नीरज बेलवाल, एमपी त्रिपाठी, रामिन्द्री मंद्रवाल, राजेश चैहान, सचिवालय में संयुक्त सचिव श्री भट्ट जी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।